उच्च रेज़ॉल्यूशन इमेजिंग और 3D अध्ययन

अंतरिक्ष में खिल उठा NISAR का विशाल रडार एंटीना – धरती की निगरानी का नया युग

उच्च रेज़ॉल्यूशन इमेजिंग और 3D अध्ययन

परिचय

नासा (NASA) और इसरो (ISRO) के महत्वाकांक्षी संयुक्त मिशन NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) ने इतिहास रच दिया है। 30 जुलाई 2025 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुए इस उपग्रह का सबसे अहम हिस्सा, 12-मीटर व्यास वाला विशाल रडार एंटीना, आखिरकार अंतरिक्ष में पूरी तरह “खिल” (Bloom) गया है। यह उपलब्धि धरती की सूक्ष्मतम गतिविधियों को समझने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

🚀 पृष्ठभूमि – क्यों खास है NISAR?

NISAR को खास तौर पर इस उद्देश्य से तैयार किया गया है कि यह धरती की सतह पर होने वाले बेहद छोटे-छोटे बदलावों को भी रिकॉर्ड कर सके।

  • ग्लेशियर और हिमखंडों की गति
  • भूकंप, ज्वालामुखी और भूस्खलन से होने वाले भूमि परिवर्तन
  • जंगलों, आर्द्रभूमियों और कृषि क्षेत्रों में हो रहे बदलाव

ये सभी जानकारियाँ आपदा प्रबंधन, इंफ्रास्ट्रक्चर निगरानी और कृषि नीति बनाने में बहुत मददगार साबित होंगी।

🌌 एंटीना का “Bloom” – कैसे हुआ खुलासा?

इस एंटीना का आकार किसी स्कूल बस जितना बड़ा है। यह शुरुआत में उपग्रह से जुड़ा हुआ एक बंद छाते जैसा था।

  • 9 अगस्त को उपग्रह का 9-मीटर लंबा बूम धीरे-धीरे खुलना शुरू हुआ।
  • चार दिनों में यह पूरी तरह फैला और एंटीना को सहारा देने की स्थिति में आ गया।
  • 15 अगस्त को विशेष विस्फोटक बोल्ट्स ने एंटीना को मुक्त किया और उसने “Bloom” प्रक्रिया शुरू की।
  • मोटर्स और केबल्स की मदद से यह विशाल एंटीना अपनी अंतिम, स्थिर स्थिति में लॉक हो गया।

यह NASA मिशन में अब तक का सबसे बड़ा तैनात किया गया रडार एंटीना है।

उच्च रेज़ॉल्यूशन इमेजिंग और 3D अध्ययन

🔬 तकनीकी खूबियाँ

  • वजन: लगभग 64 किलोग्राम
  • संरचना: 123 कंपोजिट स्ट्रट्स और सोने की परत चढ़ा हुआ वायर मेष
  • SAR सिस्टम:
    • L-band SAR (NASA द्वारा) – बादलों और घने जंगलों के पार देखने की क्षमता
    • S-band SAR (ISRO द्वारा) – हल्की वनस्पति और बर्फ़ में नमी पकड़ने की क्षमता

➡️ इस रडार की मदद से धरती की सतह को 10 मीटर पिक्सेल रेज़ॉल्यूशन तक की सटीक इमेजिंग में कैद किया जा सकेगा।

🌍 क्या फर्क डालेगा यह मिशन?

  • आपदा पूर्व चेतावनी: भूकंप या भूस्खलन जैसी घटनाओं की बेहतर भविष्यवाणी
  • कृषि क्षेत्र: मिट्टी की नमी और फसलों की स्थिति का पता लगाना
  • जलवायु परिवर्तन अध्ययन: ग्लेशियर पिघलने और समुद्र स्तर बढ़ने पर नज़र
  • इंफ्रास्ट्रक्चर निगरानी: बड़े प्रोजेक्ट्स और बांधों की सुरक्षा का आकलन

NASA और ISRO दोनों ही मानते हैं कि यह मिशन धरती विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा।

भारत के लिए महत्व

भारत जैसे विशाल और विविध भूगोल वाले देश के लिए यह मिशन बेहद महत्वपूर्ण है।

  • किसानों को बेहतर मौसम और मिट्टी की जानकारी मिलेगी।
  • नदियों और जंगलों पर वैज्ञानिक निगरानी आसान होगी।
  • भारत की अंतरिक्ष तकनीक को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी।

✅ निष्कर्ष

NISAR का यह मील का पत्थर अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक नई शुरुआत है। यह केवल एक उपग्रह नहीं, बल्कि धरती की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन से लड़ने का एक शक्तिशाली उपकरण है। आने वाले महीनों में जब यह डेटा भेजना शुरू करेगा, तो पूरी दुनिया इसकी उपयोगिता को महसूस करेगी।

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