हाल ही में हुए एक दर्दनाक विमान हादसे के बाद, देश की विमानन निगरानी संस्था DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने सख्त कदम उठाया है. DGCA ने एयर इंडिया की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए तीन बड़े अधिकारियों को तुरंत उनके पद से हटाने का आदेश दिया है.
इन तीनों अधिकारियों को अब क्रू शेड्यूलिंग और उससे जुड़ी सभी ज़िम्मेदारियों से हटा दिया गया है। साथ ही, DGCA ने एयर इंडिया को यह भी कहा है कि वह बिना किसी देरी के इन अधिकारिओ पर करबाई करे।
कौन-कौन हटाए
DGCA के आदेश में जिन अधिकारियों को हटाया गया है उनके नाम हैं
चूरहा सिंह – डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट
पिंकी मित्तल – चीफ मैनेजर, डीओपीएस (क्रू शेड्यूलिंग)
पायल अरोड़ा – प्लानिंग क्रू शेड्यूलिंग
किन बातों को लेकर उठी कार्रवाई
इन अधिकारियों पर कई गंभीर और बार-बार दोहराई गई लापरवाहियों के आरोप हैं जैसे
नियमों के बिना या उनके खिलाफ जाकर क्रू की ड्यूटी बनाना
ज़रूरी लाइसेंसिंग और अनुभव (रीसेंसी) नियमों का पालन न करना
शेड्यूलिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी और सही तरीके से निगरानी न करना
DGCA ने क्या आदेश दिया?
DGCA ने एयर इंडिया को साफ निर्देश दिए हैं
इन अधिकारियों को फौरन क्रू शेड्यूलिंग से जुड़ी ज़िम्मेदारियों से हटाया जाए
इनके खिलाफ इंटरनल जांच शुरू की जाए और 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट DGCA को सौंपी जाए
जब तक कंपनी की शेड्यूलिंग व्यवस्था में सुधार नहीं होता, इन अधिकारियों को किसी भी फ्लाइट या सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारी न दी जाए
क्यों लिया गया ये सख्त फैसला?
12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जाने वाली एयर इंडिया की एक फ्लाइट टेकऑफ के समय हादसे का शिकार हो गई थी. इस हादसे में 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई, सिर्फ एक व्यक्ति बच पाया. इस दर्दनाक दुर्घटना ने पूरे देश और दुनिया को झकझोर दिया.
इस हादसे में सिर्फ विमान में बैठे यात्री ही नहीं मारे गए बल्कि पास ही स्थित मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से टकराने के कारण वहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ भी मारे गए जो उस समय मेस में खाना खा रहे थे.
यात्रियों की सुरक्षा पर DGCA का बड़ा संदेश
DGCA ने इस कार्रवाई के ज़रिए यह साफ संदेश दिया है कि उड़ान सुरक्षा और नियमों का पालन सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की ढील या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
यह कदम सिर्फ एयर इंडिया के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए नहीं है बल्कि यात्रियों की जान की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखने का संकेत भी है.